Wednesday, April 15, 2020
नवांशहर में पर्दे के पीछे के कोरोना वरियर्स ने निभाई अहम भूमिकाअखण्ड सप्लाई लाइन और समर्पित अग्रिम मोर्चे की युद्ध नीति से सरकार और प्रशासन ने कोरोना को मुड़कर देखने को मजबूर कियानवांशहर,16 अप्रैल(विशेष संवाददाता) वैश्विक महामारी रूपी कोरोना युद्ध में देश के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र,एवं राज्य सरकारों के प्रशासनिक,स्वास्थ्य,सैनिटेशन पुलिस और अन्य अमले के प्रयासों को समाज के विभिन्न वर्गों के कोरोना योद्धाओं ने न केवल जमीनी स्तर पर सेवा के माध्यम से पहुंचाया है अपितु अपने देश-समाज की सुरक्षा का दायित्व संभालते हुए दुनिया को भारत की सामाजिक शक्ति और भक्ति का भी पुनः अहसास कराया है। यही वजह है कि कोरोना संकट में घिरे विश्व के अन्य देशों से तुलनात्मक रूप में कोरोना की शक्ति को क्षीण करके भारत विश्व गुरु के रूप में सुपर और सशक्त विकसित देशों द्वारा स्वीकारा जा रहा है।भारत के ऐसे कोरोना वारियर्स में धार्मिक - आध्यत्मिक संस्थानों से लेकर समाज सेवी, शिक्षा क्षेत्र से लेकर प्रोफशनल्स,मीडिया कर्मी,कारोबारियों से लेकर उद्योग पति और विशेषत इनकी सहयोगी इनकी मूलाधार श्रम शक्ति यानी मजदूर शामिल है। यह स्थिति महानगरों से लेकर नगरों -उपनगरों और गांवों तक में रही है।पंजाब शहीद भगत सिंह नगर(नवांशहर) के सभी कोरोना वॉरियर्स ने अपने नगर के नाम,परंपरा और इतिहास के अनुरूप उक्त भूमिका अदा की। यहाँ अन्य नगरों की भांति ही धार्मिक और सामाजिक संस्थायें जिनमें आर्ट ऑफ लिविंग, श्री गुरु रविदास मंदिर, शनि मंदिर पुरानी दाना मंडी, माता चिंतपूर्णी मंदिर ,राधा स्वामी सत्संग घर ,गुरुद्वारा गुरुनानक नगर चैरिटेबल ट्रस्ट, बहुजन संगठन नवांशहर, स्नेही मंदिर, बाबा बालक नाथ मंदिर सहित शहर के कई प्रमुख गणमान्य व्यक्तियो ने इस संकट में तमाम पारिवारिक संवेदनाओं और बंदिशों को एक तरफ रखकर देशहित में अपने नगर और सूबे की सुरक्षा और सहयोग के दायित्व को अधिमान दिया। प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च से पूरे भारतवर्ष में 21 दिन का संपूर्ण लॉक डाउन पहले चरण में किया तो वहीं पंजाब में इस लॉक डाउन में कर्फ्यू तक लगाया गया जो अब दूसरे चरण में भी जारी है।यह इसलिए सरकार ने लागू किया ताकि लोगों का आपसी संपर्क टूट सके और सामाजिक दूरी रूपी फिलहाल की दवा कोरोना वायरस के लक्ष्य को छिन भिन्न कर दे। ऐसे में सबसे जरूरी था कि सम्पूर्ण लॉक डाउन बिना अधिक प्रभावित किये ऐसे सक्षम कारोबारियो की जो बड़ी तादाद में पैक्ड राशन सामग्री जरूरतमंदों को पहुंचाने में न केवल राजी हो अपितु समाज के प्रति सेवाभावी भी हो। ऐसा इसलिए भी जरूरी था कि शरुआती चरण में नवांशहर हॉट स्पॉट था और इसके दर्जन भर गांव कोरेनटीन करने की दृष्टि से सील्ड किये गए थे। ऐसे में जहां एक तरफ सारा देश हमारे पुलिसकर्मियों सफाई कर्मचारियों डॉक्टरों के लिए ताली बजाकर फूलों की वर्षा करके उनके सम्मान के लिए खड़ा है जो कि हम सब लोगों के लिए जंग लड़ रहे हैं वहीं नवांशहर में कुछ एक ऐसे चेहरे भी थे जो पर्दे के पीछे रहकर गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए बिना अपनी जान की परवाह किये तैयार थे। व्यापारिक हितों से ऊपर उठकर प्रशासन को सहयोग देने को सहर्ष तैयार थे। इस सूची में एक शीर्ष नाम सेवी संस्थाओं के सहयोगी और नेतृत्वकारी राजन अरोड़ा का भी था। ए प्लस कंपनी नामक व्यापारिक संस्थान के अगुवा। उन्होंने तुरंत सहयोग की पेशकश को सहमति दी और बिना कोई शर्ते नियम तय किये प्रशासन के आदेशानुसार कार्य शुरू करने से पहले अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए अविलंब सैनिटेशन चैम्बर स्थापित करवाये।संकटकाल में उम्दा प्रबंधों के साथ निरंतर अब तक जारी सहयोग बाबत जब श्री राजन अरोड़ा से इस संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि संपूर्ण लॉक डाउन के बाद प्रशासन और नवाशहर की कई सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं ने उनसे संपर्क किया गया कि ए प्लस उनको खाने-पीने की महत्वपूर्ण चीजों की किटस बनाकर उपलब्ध करवाए।बकौल राजन अरोड़ा उस वक्त सबको अपनी जान बचाने की चिंता थी कोई भी वर्कर काम पर आने के लिए तैयार नहीं हो रहा था ।उस वक्त हमारी कंपनी ने राष्ट्र धर्म को प्रथम रखते हुए अपने वर्करों को प्रेरित किया कि इस वक्त देश को हमारी जरूरत है सभी प्रकार की औपचारिकताओं को निभाते हुए फैक्ट्री में पैकिंग का काम शुरू किया गया।इसके साथ ही अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और लोगो तक साफ सुथरा राशन जाए इस दृष्टि से सैनिटेशन चैम्बर स्थापित किया गया। राजन अरोड़ा ने बताया कि लॉक डाउन होने के बाद पंजाब के खाद्य मंत्रालय द्वारा राशन एवम दाले फ्री बांटने का जो कार्यक्रम सरकार ने 25 तारीख से शुरू किया था और उनकी कंपनी से भी संपर्क किया गया तथा कंपनी ने सहर्ष इस सेवा को स्वीकार कर लिया। सरकार की जितनी भी रिक्वायरमेंट थी उसको हमने अपने अन्य पूर्व निर्धारित व्यापारिक काम पीछे छोड़ कर इस काम को करने का मोर्चा लगाया। करीब 30000 पैकेट एवरेज प्रतिदिन की पैकिंग का कठिन काम करके पंजाब के विभिन्न शहरों में सप्लाई के लिए प्रशासन और सेवी संस्थाओं।को भेजी गई जो जारी है। कंपनी की इस आपूर्ति प्रक्रिया को कंपनी के पैकिंग जोन में सूबा सरकार के खाद्य सचिव सिन्हा साहब और डायरेक्टर श्रीमती आनंदिता मित्रा आईएएस मॉनिटर कर रहे हैं और प्रतिदिन प्रोग्रेस रिपोर्ट भी ले रहे हैं और रोज़ रोज़ इनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट ले रहे हैं। विदित रहे कि इस फैक्ट्री में यह सारा काम करने के लिए लेबर का अरेंजमेंट करने के लिए और फैक्ट्री को हर सुविधाजनक तरीके से चलाने के लिए लोकल सिविल और पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन यानी डिप्टी कमिश्नर श्री विनय बबलानी और एस एस पी साहब श्रीमती अलका मीना जी का बहुत बड़ा सहयोग है लोकल पुलिस के सभी ऑफिसर और वर्कर्स ने भी पूर्ण सहयोग दिया है । इसी के बूते अलग-अलग गांवों से लेबर रूपी कोरोना वारियर इस फैक्ट्री में आकर इस काम को सिरे चढ़ा रहे हैं। यहां पर यह सामाजिक दूरी का तय नियम रखते हुए और सेहत के सारे ही बेसिक प्रिकॉशंस लेते हुए काम कर रहे हैं ।राजन अरोड़ा ने कहा कि हम तो सिर्फ़ साधन मात्र है असली योद्धा तो हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी, मुख्य मंत्री अमरिंदर सिंह और उनके सिपहसालार डी. सी. एस एस पी और अन्य तहसील अधिकारी और कर्मचारी तथा हमारे कर्मचारी सहयोगी और वो संस्थाएं जो अग्रिम मोर्चे पर सेवा कर रही हैं, वो हैं। उन्होंने इन सब के प्रति आभार भी व्यक्त किया। सर्वविदित है कि नवांशहर प्रथम चरण में सूबे के अंतरराष्ट्रीय स्तर तक चर्चित हो गया हॉट स्पॉट था जो संयोग से अब नियंत्रण में है। इसकी वजह ऐसे कारोबारी, इनके निष्ठावान कर्मचारी ही है जो पर्दे के पीछे के कोरोना वारियर्स है।युद्ध प्रणाली को जानने वाले समझते है कि वही युद्ध जीता जाता है जिसकी सप्लाई लाइन सशक्त और अखंड हो। इसी नीति से नवांशहर के प्रशासन ने संकट को फिलहाल रोक रखा है।इस संकट में अग्रिम मोर्चे के कोरोना वॉरियर्स में शुमार वैश्विक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के नेतृत्व वाली समाजसेवी और आध्यात्मिक संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के स्थानीय शिक्षक मनोज कंडा ने बताया कि पंजाब में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर काम करते हैं और उनको लुधियाना नवाशहर और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में खाना उपलब्ध करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा भी दिहाडीदार मजदूरों को राशन उपलब्ध करवाया जाना था ।इसमें ए प्लस कंपनी बड़ी अहम भूमिका अदा करके राष्ट्र का सहयोग कर रही है। र ऐसी परिस्थिति में सरकार और सामाजिक सामाजिक संगठनों की डिमांड कंपनी द्वारा पूरी करना अपने आप में इस कठिन परिस्थिति में बहुत ही सराहनीय कदम हैबंगा कोऑपरेटिव सोसाइटी के सरदार इकबाल सिंह का कहना है कि यह इस कंपनी द्वारा पठलावा और उसके साथ लगते 15 गांव को सील करने के बाद वहां पर फूड सप्लाई को निरंतर बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण कार्य था जिसका सारा श्रेय कंपनी के क्रोना वारियर्स को जाता है ।कंपनी द्वारा सोसाइटी को सारा सामान कंट्रोल रेट पर मुहैया करवाया गया जो कि कंपनी की सामाजिक जिम्मेवारी और संकट काल में व्यापार धर्म को कैसे निभाया जाता है, दर्शाता हैसामाजिक कार्यकर्ता और व्यापार मंडल नवांशहर के सदस्य यशपाल हफ़िज़ाबदी इस बाबत कहते है कि शहर में विभिन्न मंदिरों- गुरुद्वारों, सामाजिक संगठनों द्वारा लंगर और राशन वितरण किया गया ताकि लोग अपने घरों में बने रहे और प्रवासी मजदूरों का पलायन रोका जा सके इसमें नवांशहर क्षेत्र में यह पूर्ति केवल ए प्लस कंपनी द्वारा ही की जा सकती थी क्योंकि परचून की सभी दुकानें लॉक डॉन पीरियड में बन्द थी ।
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